
आज शनिवार है. शनिवार का दिन भगवान शनिदेव का होता है. इस दिन शनिदेव का खास तरह से पूजा करने पर व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते है. वहीं जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही होती है वह भी खत्म हो जाती है. माना जाता है कि शनिदोष से मुक्ति के लिए मूल नक्षत्रयुक्त शनिवार से आरंभ करके सात शनिवार तक शनिदेव की पूजा करने के साथ साथ व्रत रखना चाहिए. शनिदेव की नियमानुसार पूजा और व्रत करने से शनिदेव की कृपा होती है और सारे दुख खत्म हो जाते हैं. वहीं अगर शनिदेव नाराज हो जाते हैं तो मनुष्य पर कई तरह के संकट आते हैं. ऐसे में शनिवार के दिन आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए आइए जानते हैं उनके बारे में-
– व्रत के लिए शनिवार को सुबह उठकर स्नान करना चाहिए. उसके बाद हनुमान जी और शनिदेव की आराधना करते हुए तिल, लौंगयुक्त जल को पीपल के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए.
– शनिवार के दिन काले वस्त्रों और काली वस्तुओं को किसी गरीब को दान में देना चाहिए. काला वस्त्र शनिदेव का प्रिय है. Also Read – शनिदेव को खुश करने को रखें शनिवार का व्रत, इन बातों का रखें ख्याल
– ध्यान रहें कि शनिदेव की पूजा के दौरान तांबे का बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि तांबा सूर्य का धातु होता है और शनिदेव के प्रति सूर्य हैं जिनसे उनकी शत्रुता है.
– शनि की पूजा में लाल रंग का कुछ भी न चढ़ाएं. चाहे लाल कपड़े हों, लाल फल या फिर लाल फूल ही क्यों न हों. इसकी वजह यह है कि लाल रंग और इससे संबंधित चीजें मंगल ग्रह से संबंधित हैं. मंगल ग्रह को भी शनि का शत्रु माना जाता है.
– शनिवार को शनिदेव को काले तिल और काली उड़द भी चढ़ाएं.
– शनिदेव की पूजा में यह बात भी ध्यान रखें कि पूजा करने वाला व्यक्ति अस्वच्छ अवस्था में न हो, यानी पूजा करते समय साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए.
शनिदेव को खुश करने के लिए लोग हर तरह के उपाय करते हैं. लेकिन जब बात दान-दक्षिणा देने से भी नहीं बनती तो व्रत रखना ही सर्वोत्तम उपाय होता है. बहुत से लोग शनिवार का व्रत रखते हैं या रखना चाहते हैं, लेकिन उनको पता नहीं होता कि शुरुआत कैसे करें. किन नियमों का पालन करें.
पंडित बताते हैं कि जो लोग शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं, उनको ये व्रत करना चाहिए. इससे साढ़ेसाती के कारण आने वाली परेशानियां कम हो जाती हैं.अगर आप ये व्रत रखना शुरू करना चाहते हैं तो शुक्ल पक्ष के पहले शनिवार से व्रत आरंभ करें.
व्रत नियम
– सूर्योदय से पहले उठें. अगर नहीं उठते हैं तो सुबह ही स्नान करें. तांबे के कलश में जल लें. इसमें शक्कर और दूध मिलाकर पश्चिम दिशा में मुंह कर पीपल के पेड़ को अर्घ्य दें.
– व्रत वाले दिन दिन नीली, बैंगनी तथा काले रंग के कपड़े पहनें. दिन में व्रत रखें. इस व्रत में दिन में नमक नहीं खाया जाता.
– दिन में दान करें. काली चीजों का दान श्रेष्ठ है. मछलियों को दाना खिलाएं. गरीबों की सेवा करें, उन्हें खाना खिलाएं.
– दिन में आकाश मंडल की ओर देखें. शनि मंत्रों का जाप करें.
– शनिदेव से पीड़ित हैं तो सबसे बेहतर उपाय है कि भगवान शिव का पूजन करें. शनिदेव भगवान शिव को गुरु मानते हैं.
– हनुमान जी की पूजा करें. उनके सामने सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं.
– शमी का पौधा अपने हाथों से लगाएं. उसका पूजन करें.
– व्रत कर रहे हैं तो शारीरिक संबंध ना बनाएं.